उत्तराखण्डधर्म-संस्कृति

श्री त्रियुगीनारायण मंदिर रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड

श्री त्त्युगीनारायण मंदिर रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड दिव्य मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। जिसका साक्ष्य यहाँ पर जल रही अग्नि कुंड है जो तीन युगों से निरन्तर जल रही है इस दिव्य अग्नि कुंड में बाबा भोलेनाथ और माता भगवती पार्वती ने सात फेरे लिए थे।।

:–वेदों में उल्लेख है कि यह त्रियुगीनारायण मंदिर त्रेतायुग से स्थापित है। जबकि केदारनाथ व बदरीनाथ द्वापरयुग में स्थापित हुए। यह भी मान्यता है कि इस स्थान पर विष्णु भगवान ने वामन देवता का अवतार लिया था।

:- यह दिव्य मंदिर दर्शन के लिए साल भर खुला रहता है ।
जय नारायण

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